Saturday, August 4, 2018

सोलर पैनल लगाना कितना फायदेमंद, किन बातों का रखें ख्याल सोलर खरीदने से पहले


अगर आप अपने घर, ऑफिस, हॉस्पिटल, फैक्ट्री, स्कूल, और पेट्रोल पम्प में सोलर पैनल लगवाने का विचार कर रहे हैं
तो ये खबर खास आपके लिए है। सोलर पैनल लगवाने से पहले एक बार इस खबर को जरूर पढ़ लें। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि सोलर उपकरणों की उम्र लगभग 25 साल, बैटरी का 10 साल और इन्वर्टर का 10 साल की होती है।
विद्युत के अन्य उपकरणों की तरह आपको सौलर उर्जा पैनल में रख-रखाव का खास खर्च नहीं उठाना पड़ता। मतलब कि इसे एकबार लगवाओ और 20 से 25 साल तक के लिए परेशानी से छुटकारा पाओ। आज के समय में सौर ऊर्जा आम लोगों के लिए बिजली का विकल्प बनकर उभरी है। यह घर के बिजली बिल की अच्छी-खासी बचत करने के साथ सरकारी तंत्र की भी बड़ी मददगार साबित हो रही है।
दरअसल, बिजली की खपत की बढ़ती मांग और घटते उत्पादन के चक्र में तालमेल बैठाने के लिए यही विकल्प काम आने वाला है। इसलिए सरकार भी इसके इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। समस्या ये है कि असल में लोग इसके उपयोग के बारे में समझ ही नहीं पाए हैं कि ये कैसे काम करती है? कितना खर्च पड़ेगा? यह लोगों के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो सकती है? यह जाने बगैर इसे लगवाना अक्लमंदी नहीं होगी।
सोलर पैनल कैसे काम करती है?
दरअसल, सोलर पैनल एक ऐसा उपकरण है, जो सूर्य की किरणों को अब्जॉर्ब करने के बाद उसकी हीट से बिजली बनाता है। ये प्रक्रिया सूरज की कीरणों की गर्मी को बिजली या उर्जा में तब्दील कर देता है। सौलर पैनल की प्लेट में लगे ढेर सारे सोलर फोटोवोल्टिक सेल मिलकर बिजली बनाने का काम करते हैं।
ये सेल ग्रिड पैटर्न में सोलर पैनल में व्यवस्थित किए जाते हैं। अधिकतर पैनल क्रिस्टिलाइन सिलिकॉन सोलर सेल्स से बने होते हैं। खास बात ये है कि यह बिजली बिल बचाने के साथ अधिक समय तक चलते हैं।
सौलर पैनल में 10 सालों में बैट्री को बदलना पड़ता है। इसलिए इनकी एज भी अच्छी खासी होती है। एक सोलर पैनल अमूमन 20 से 25 साल निकाल देता है। एक किलोवॉट वाले पैनल से एक घर की सामान्य बिजली की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकती हैं।
वहीं, एसी वाले घरों में दो किलोवॉट का पैनल लगवाना चाहिए। Loom Solar Private Limited के अनुसार, भारतीय और विदेशी कंपनियों के पैनल में खासा फर्क नहीं होता। मगर कीमत के मामले में देसी वाले अधिक किफायती साबित होंगे, क्योंकि सरकार इन पर सब्सिडी और लोन जैसी सुविधाएं भी देती है।
अगर आपके यहां बिजली कम जाती है और बिजली बिल जीरो करना चाहते हैं, तो आपके लिए ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी सिस्टम बढ़िया रहेगा। यह 60 से 75 हजार रुपए के बीच आपको मिलेंगे इंस्टालेशन के साथ। इस कीमत में आपको  Trina Solar और Luminous Solar कंपनी  का सोलर  पैनल आ  जाएगा। अगर आप ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम आपके यहाँ आनेवाले इलेक्ट्रिसिटी के साथ काम करता  है. इसका मतलब है, बिना इलेक्ट्रिसिटी का सोलर सिस्टम नहीं चलेगा।
तो क्या करना चाहिए, अब जाने ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम क्या होता है-
अधिक बिजली कटौती वाले इलाकों में रहने वालों के लिए ऑफ ग्रिड सोलर पैनल अधिक फायदेमंद होगा। इस सोलर सिस्टम के साथ सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर, सोलर बैटरी आता है. जो आपको पुरे  दिन AC, फैंस, टीवी, लाइट्स, फ्रिज, लैपटॉप्स, वाशिंग मशीन, सबमर्सिबल पंप सोलर  सिस्टम  से चलेगा और नाईट मैं बैटरी पर चलेगा. इस तरह, आपके यहाँ 24*4 इलेक्ट्रिसिटी अवेलेबल  रहेगा. यह 85 से 95 हजार रुपए के बीच आपको आपको मिलेंगे इंस्टालेशन के साथ।
प्रदीप कपूर से जाने सोलर सिस्टम लगाने से क्या फायदे हुए 

प्रदीप कपूर रोहतक हरयाणा के निवासी हूँ. मेरे ऑफिस मैं बहुत जयादा बिजली बिल आता था।  करीबन Rs. 5000 – Rs. 6000 हर महीने। मैंने 2 kw सोलर पैनल इन्सटाल्ड करबाया हूँ।
इससे मैं  कम-से-कम  Rs. 2700 – Rs. 3000 हर महीने सेव  करता हूँ. इसका मतलब, 45% बिजली बिल हर महीने सेव करता हूँ. मैं 5 कम्प्यूटर्स, 5 फैंस, 6 लाइट्स, 1 LED TV, 1 वाटर कूलिंग मशीन सोलर पैनल से चलता हूँ। इसके लिए मैंने 2 kw सोलर पैनल, 2 kva -24 v सोलर इन्वर्टर और  2 सोलर बैटरी  ख़रीदे हैं।
इस पैनल की बैट्री थोड़ी महंगी कीमत पर मिलती है। इसलिए इस सेटअप को लगवाने में भी दाम बढ़ जाता है। जी हां, इस ऑफ ग्रिड सोलर पैनल के लिए आपको 85 – 95 तक खर्च करने होंगे। सोलर पैनल खरीदने के लिए Loom Solar Private Limited से संपर्क कर सकते हैं।

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